डिजिटल अरेस्ट स्कैम भारत में एक ऐसा धोखाधड़ी है, जिसमें साइबर अपराधी किसी व्यक्ति को धमकी देकर उनसे पैसे ऐंठने की कोशिश करते हैं। वे दावा करते हैं कि व्यक्ति साइबर अपराध में संलिप्त है और पुलिस उन्हें “डिजिटल अरेस्ट” कर सकती है। इन मामलों में अपराधी फर्जी कानूनी कार्रवाई की धमकी देकर पीड़ित से जुर्माना या अन्य शुल्क के रूप में धन मांगते हैं। एडवोकेट दीपक के अनुसार, इस तरह के स्कैम से बचने के लिए लोगों को सतर्क रहना आवश्यक है।
डिजिटल अरेस्ट स्कैम कैसे होता है?
- फर्जी कॉल और मैसेज:
- स्कैमर्स पीड़ित को कॉल या मैसेज करते हैं, जिसमें दावा किया जाता है कि उनके खिलाफ साइबर अपराध का केस दर्ज किया गया है। इसमें अक्सर पुलिस, साइबर क्राइम डिपार्टमेंट, या किसी सरकारी एजेंसी के फर्जी अधिकारी होने का दावा किया जाता है।
- फर्जी दस्तावेज और लिंक भेजना:
- स्कैमर्स पीड़ित को फर्जी दस्तावेज, जैसे एफआईआर, कोर्ट नोटिस, या गिरफ्तारी वारंट भेजते हैं। इन दस्तावेजों को देखकर लोग डर जाते हैं और स्कैमर्स की बातों में आ जाते हैं।
- धन की मांग:
- अपराधी धमकी देते हैं कि अगर पीड़ित तुरंत जुर्माना या शुल्क नहीं चुकाएगा तो उसे डिजिटल रूप से गिरफ्तार कर लिया जाएगा। वे अक्सर पेटीएम, गूगल पे या बैंक ट्रांसफर के माध्यम से पैसे मांगते हैं।
- डर और भ्रम का उपयोग:
- स्कैमर्स पीड़ित को साइबर क्राइम के गंभीर परिणामों का डर दिखाते हैं, जिससे लोग उन्हें तुरंत पैसा देने के लिए तैयार हो जाते हैं।
डिजिटल अरेस्ट स्कैम से कैसे बचें?
एडवोकेट दीपक के अनुसार, निम्नलिखित उपाय अपनाकर आप इस तरह के स्कैम से बच सकते हैं:
- सतर्क रहें और डरें नहीं:
- असली कानून प्रवर्तन एजेंसियाँ कभी भी फोन पर गिरफ्तारी या जुर्माने की धमकी नहीं देतीं। अगर कोई ऐसा कॉल या मैसेज करता है, तो उसकी सत्यता की जांच करें।
- फर्जी दस्तावेज़ों पर विश्वास न करें:
- कोई भी ईमेल, व्हाट्सएप मैसेज या फर्जी दस्तावेज़ प्राप्त होने पर तुरंत उसकी जांच करें। साइबर क्राइम और पुलिस कभी भी डिजिटल माध्यम से इस तरह की दस्तावेज़ नहीं भेजती हैं।
- किसी भी अज्ञात लिंक पर क्लिक न करें:
- स्कैमर्स द्वारा भेजे गए किसी भी लिंक या अटैचमेंट पर क्लिक न करें क्योंकि यह आपके डिवाइस को हैक कर सकता है और आपकी निजी जानकारी को चुरा सकता है।
- धन का भुगतान न करें:
- कभी भी किसी अज्ञात व्यक्ति या संस्था को, जो आपको गिरफ्तारी या केस की धमकी देता है, पैसे न भेजें।
- कानूनी सहायता लें:
- किसी भी प्रकार के साइबर धोखाधड़ी में फँसने पर तुरंत किसी साइबर क्राइम विशेषज्ञ, जैसे एडवोकेट दीपक से परामर्श करें। वे आपको कानूनी सलाह देकर इस समस्या से बाहर निकलने में मदद कर सकते हैं।
- राष्ट्रीय साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल पर शिकायत दर्ज करें:
- https://cybercrime.gov.in पर जाकर ऐसे मामलों की शिकायत दर्ज करें ताकि सही कानूनी कार्रवाई की जा सके।
डिजिटल अरेस्ट स्कैम एक धोखाधड़ी है जिसका उद्देश्य लोगों को डराकर उनसे पैसा वसूलना है। सतर्क रहकर, फर्जी कॉल और दस्तावेज़ों से बचकर, और सही कानूनी सलाह लेकर इस तरह के स्कैम से बचा जा सकता है।
Digital Arrest Scams in India are a type of cyber fraud where scammers threaten individuals with arrest or legal action for alleged cybercrimes. The scammers pose as police officers, cybercrime officials, or government authorities and use fake legal documents to intimidate victims. According to Advocate Deepak, people need to be aware and cautious to protect themselves from such scams.
How Digital Arrest Scams Work
- Fake Calls and Messages:
- Scammers contact the victim, claiming that a cybercrime case has been filed against them. They impersonate law enforcement or government officials and may claim that the victim will be “digitally arrested.”
- Sending Fake Documents and Links:
- They often send fake documents like FIRs, court notices, or arrest warrants to make their threats appear legitimate. These fake documents are meant to scare victims into compliance.
- Demand for Money:
- Scammers demand an “immediate fine” or other charges, threatening immediate arrest if the amount is not paid. They usually ask for money through digital payments like Paytm, Google Pay, or bank transfers.
- Using Fear and Confusion:
- The scammers exploit the victim’s fear and lack of legal knowledge, pressuring them to pay quickly to avoid legal consequences.
How to Protect Yourself from Digital Arrest Scams
According to Advocate Deepak, here are some effective ways to avoid becoming a victim of these scams:
- Stay Alert and Don’t Panic:
- Real law enforcement agencies never threaten arrest or demand money over the phone. Verify the authenticity of any such call or message.
- Don’t Believe Fake Documents:
- If you receive any documents through email or WhatsApp claiming legal action, verify their authenticity. Cybercrime agencies or police departments do not send arrest warrants or legal notices digitally.
- Avoid Clicking on Suspicious Links:
- Do not click on any links or attachments sent by scammers, as they may contain malware that can compromise your device.
- Do Not Make Payments:
- Never send money to anyone threatening you with arrest or fines for alleged cybercrimes. Such demands are a red flag for scams.
- Seek Legal Advice:
- If you’re facing any cybercrime issue or suspect a scam, consult a cybercrime specialist like Advocate Deepak for guidance. A professional can advise you on handling the situation legally and effectively.
- Report the Scam on the National Cyber Crime Reporting Portal:
- File a complaint on https://cybercrime.gov.in to initiate an investigation.
Digital arrest scams aim to exploit fear and extract money from victims through intimidation. Staying vigilant, verifying information, avoiding unsolicited demands, and seeking legal support can help you stay safe.