नोएडा एनसीआर में बेस्ट साइबर क्राइम लॉयर – एडवोकेट दीपक
नोएडा एनसीआर देश का सबसे बड़ा आईटी और कॉरपोरेट हब बन चुका है। यहाँ डिजिटल लेन-देन, ऑनलाइन बिज़नेस और सोशल मीडिया का उपयोग तेजी से बढ़ रहा है। इसके साथ ही साइबर अपराध (Cyber Crime) भी बहुत तेजी से बढ़े हैं। ऑनलाइन फ्रॉड, बैंक अकाउंट फ्रीज़, क्रिप्टो धोखाधड़ी, UPI ठगी और सोशल मीडिया हैरेसमेंट जैसी घटनाएँ रोज़ाना सामने आ रही हैं। ऐसे मामलों में पीड़ित को तुरंत एक अनुभवी साइबर क्राइम लॉयर की आवश्यकता होती है।
नोएडा एनसीआर में आम साइबर अपराध
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ऑनलाइन निवेश और क्रिप्टो फ्रॉड (USDT, Binance P2P आदि)
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बैंक अकाउंट फ्रीज़ या लीएन लगना
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फिशिंग, KYC अपडेट धोखाधड़ी
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सोशल मीडिया पर ब्लैकमेल, डीपफेक और एआई वॉइस स्कैम
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डेटा चोरी और प्राइवेसी उल्लंघन
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फर्जी जॉब पोर्टल और ऑनलाइन लोन ऐप्स
बैंक अकाउंट क्यों फ्रीज़ होता है
जब किसी बैंक अकाउंट से संदिग्ध ट्रांज़ैक्शन होते हैं या कोई साइबर फ्रॉड की शिकायत दर्ज होती है, तो साइबर सेल या इन्वेस्टिगेशन ऑफिसर बैंक को अकाउंट फ्रीज़ करने का निर्देश देते हैं। फ्रीज़ होने का मतलब है कि आप पैसे निकाल या ट्रांसफर नहीं कर पाएंगे। कभी-कभी पूरे अकाउंट पर रोक लग जाती है और कभी केवल विवादित राशि पर लीएन लगाया जाता है।
कानूनी प्रावधान
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CrPC धारा 102 – पुलिस को अधिकार है कि अपराध से जुड़े पैसे या संपत्ति को जब्त कर सके।
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CrPC धारा 451 और 457 – फ्रीज़ या जब्त अकाउंट को कोर्ट के आदेश से रिलीज़ करवाने की प्रक्रिया।
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IPC धारा 420 – धोखाधड़ी और बेईमानी से संपत्ति हड़पना।
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IT Act की धारा 66C और 66D – पहचान चोरी और ऑनलाइन धोखाधड़ी।
अगर अकाउंट फ्रीज़ हो गया हो तो क्या करें
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बैंक से लिखित में कारण पूछें कि किस शिकायत या आदेश पर अकाउंट फ्रीज़ किया गया है।
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ट्रांज़ैक्शन से जुड़े सारे सबूत इकट्ठा करें – स्टेटमेंट, स्क्रीनशॉट, पेमेंट रसीद।
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साइबर क्राइम पोर्टल (www.cybercrime.gov.in) पर शिकायत दर्ज करें और 1930 हेल्पलाइन पर कॉल करें।
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एक अनुभवी साइबर क्राइम वकील से संपर्क करें।
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जरूरत पड़ने पर कोर्ट में याचिका दायर करें ताकि बैंक अकाउंट को अनफ्रीज़ कराया जा सके।
एडवोकेट दीपक क्यों चुनें
नोएडा एनसीआर में एडवोकेट दीपक को सबसे भरोसेमंद साइबर क्राइम लॉयर माना जाता है।
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बैंक अकाउंट फ्रीज़/लीएन हटवाने में विशेषज्ञ।
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क्रिप्टो फ्रॉड, USDT और Binance P2P मामलों में गहरा अनुभव।
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साइबर सेल और इन्वेस्टिगेशन ऑफिसर के साथ सीधा समन्वय।
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कोर्ट में तेज़ और सटीक याचिका दाखिल करने का अनुभव।
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क्लाइंट-फ्रेंडली अप्रोच और उचित शुल्क।
ट्रेंडिंग साइबर क्राइम
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डिजिटल अरेस्ट स्कैम – कॉल पर किसी को यह कहना कि वो अपराध में शामिल है और पैसे देने पर ही बच पाएगा।
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Binance P2P/USDT लेन-देन में धोखाधड़ी और खातों पर फ्रीज़।
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ऑनलाइन जॉब फ्रॉड और निवेश घोटाले।
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एआई वॉइस क्लोनिंग और डीपफेक ब्लैकमेल।
सुरक्षा के सुझाव – एडवोकेट दीपक से
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कभी भी अपना बैंक अकाउंट दूसरों को इस्तेमाल करने न दें।
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OTP, UPI PIN और पासवर्ड किसी से साझा न करें।
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ऑनलाइन निवेश से पहले प्लेटफॉर्म की जांच करें।
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सभी ट्रांज़ैक्शनों का रिकॉर्ड रखें।
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अगर धोखाधड़ी हो जाए तो तुरंत साइबर क्राइम पोर्टल पर शिकायत करें और कानूनी सलाह लें।
नोएडा एनसीआर में साइबर अपराध लगातार बढ़ रहे हैं। ऐसे समय में सही वकील चुनना बेहद जरूरी है। एडवोकेट दीपक न सिर्फ अकाउंट अनफ्रीज़ और लीएन रिमूवल में विशेषज्ञ हैं, बल्कि साइबर फ्रॉड से पीड़ितों को उचित कानूनी सहारा भी दिलाते हैं।
Disclaimer: This blog is for informational purposes only and should not be construed as legal advice. We are not engaging in any advertisement or solicitation through this content. For immediate assistance, call the National Cyber Crime Helpline (1930) or file a complaint at www.cybercrime.gov.in